पूजा तोमर ने Ultimate Fighting Championship (यूएफसी) फाइट जीतने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास रच दिया है, जो भारतीय मिश्रित मार्शल आर्ट (एमएमए) के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। पूजा तोमर एक अनुभवी वुशु अभ्यासकर्ता और एमएमए फाइटर है। पूजा ने एक प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ अपनी जीत हासिल की है। उनकी ये अविश्वसनीय सफलता सिर्फ उनकी एक व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि पूरे भारत में इस खेल के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां एमएमए अभी भी अपने वैश्विक समकक्षों की तुलना में विकसित हो रहा है।
UFC में उनकी जीत ने भारतीय महिलाओं को एक नया प्रेरणास्त्रोत दिया है। पूजा ने अपनी जीत के बाद कहा, “यह जीत सिर्फ मेरी नहीं है, यह हर उस लड़की की है जो बड़े सपने देखती है और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करती है।”
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जन्मी पूजा तोमर की इस शीर्ष तक की यात्रा उनकी दृढ़ता और कड़ी मेहनत के बदौलत संभव हो पायी है । उन्होंने अपने एथलेटिक करियर की शुरुआत चीनी मार्शल आर्ट के एक रूप वुशू से की, जहां उन्होंने एमएमए में जाने से पहले कई सफलताएँ अर्जित कीं, उनका ये सफर आसान नहीं था; उनको सीमित संसाधनों और सीमित प्रशिक्षण सुविधाओं सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हालाँकि, उनका समर्पण और दृढ़ता ये सब फीका रहा और वह लगातार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एमएमए परिदृश्य में बेहतरीन प्रदर्शन करती रही।
पूजा तोमर की यह उपलब्धि भारतीय खेल इतिहास में एक मील का पत्थर है। उम्मीद है कि उनकी यह सफलता आने वाले समय में और भी युवाओं को इस खेल में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित करेगी।उनकी सफलता वैश्विक खेल क्षेत्रों में भारतीय एथलीटों की क्षमता को रेखांकित करती है और देश में एमएमए के लिए बेहतर समर्थन और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। इस ऐतिहासिक जीत के साथ, पूजा तोमर ने निस्संदेह UFC में भविष्य के भारतीय चैंपियन के लिए मार्ग प्रशस्त किया है।
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